1. क्या अपराधकर्म के विरुद्ध राजनीति की दीवार तोड़ पा... 2. अपराधकर्म के बाद भी कहीं कोई रपट दर्ज नहीं होती.3. दूसरी प्रवृत्ति है अपराधकर्म को सस्पेंस और रसीला बनाकर पेश करने की। 4. न सुख की कामना करना अपराधकर्म की श्रेणी में आता है. 5. ड्रगवार के कारण नशे की लत और अपराधकर्म में तेजी से इजाफा। 6. जैसे उनका जेल आना-जाना या अपराधकर्म में लिप्त होना उनके नायकत्व का ही हिस्सा हो। 7. 1898-1900 की अवधि में दक्षिणी राजपूताने (मेवाड़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़) में भारी अकाल पड़ा और अपराधकर्म में काफी वृद्धि हुई। 8. डिटरिंग डेमोक्रेसी ” नामक किताब में लिखा है कि नशीले पदार्थों से जुड़े अपराधों के कारण संगठित अपराधकर्म को बढ़ावा मिला। 9. किन्तु मीडिया द्वारा किसी के अपराधकर्म पर ऐसा वातावरण बनाना जिससे उन्हें निर्दोष बरी कराया जा सके उचित नहीं कहा जा सकता। 10. 1898-1900 की अवधि में दक्षिणी राजपूताने (मेवाड़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़) में भारी अकाल पड़ा और अपराधकर्म में काफी वृद्धि हुई।